सांसद खेल स्पर्धा के द्वितीय चरण में शामिल हुए अन्तर्राष्ट्रीय हाॅकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद

एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम आगरा में में चल रही सांसद खेल स्पर्धा के दूसरे दिन ( द्वतीय चरण ) में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र अशोक ध्यानचंद (अन्तर्राष्ट्रीय हाॅकी, खिलाड़ी) मुख्या अतिथि के तौर पर रहे
परिसर में विभिन्न टीमों के मध्य आयोजित भारोत्तोलन,क्रॉसबो, वाॅलीबाल, कबड्डी, बाॅक्सिंग, जुजुत्सु, लाॅन टेनिस, बैडमिंटन एवं बास्केटबॉल सहित अन्य खेलों के मैच में खिलाडियों से भेंट कर उनका अभिवादन स्वीकार किया एवं स्पर्धा में अच्छे प्रदर्शन के लिये उत्साहवर्धन किया एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
अब जब भारत हारता है तो चार साल पीछे चला जाता है।
नए खिलाड़ियों को उनकी मेहनत ही सफलता दिलाएगी। भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए बेहतर खिलाड़ियों के खेल का अनुसरण करना ही होगा। आप मैदान में प्रेक्टिस कैसे करते हैं, वह ज्यादा मायने रखता है। अपने पिता ध्यानचंद के विषय पर सवाल पर बोले कि उनके जैसे खिलाड़ी लोगों के दिलों में बसते हैं। गौरतलब है कि अशोक कुमार भारत के लिए तीन एशियाई खेलों (1970, 1974 और 1978) के हिस्सा भी रहे और तीनों में ही भारत ने रजत पदक प्राप्त किया।
हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले सूबेदार मेजर ध्यानचंद के बेटे अर्जुन अवार्डी हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमार ने कहा कि अभी भारत को हॉकी में बहुत कुछ करना बाकी है। ओलंपिक में हॉकी में मेडल जीतकर नहीं आए तो हमने कुछ नहीं जीता। हॉकी अब बहुत महंगा खेल हो गया है। उन्होंने हॉकी को बढ़ावा देने के लिए एस्ट्रोटर्फ के मैदानों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत बताई।