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लड़कों की टीम में खेलकर मजबूत बन रही शहर की क्रिकेटर बेटियां

  • November 6, 2022
  • 1 min read
लड़कों की टीम में खेलकर मजबूत बन रही शहर की क्रिकेटर बेटियां

अभ्यास मैच में शानदार प्रदर्शन कर बनीं मिशाल , ज्यादातर अकेडमी में किया जा रहा यह नया प्रयोग

जिले की क्रिकेट में शुरू हुआ नया प्रयोग टीम के साथ-साथ क्रिकेटर बेटियों में नया जोश भर रहा है। आत्मविश्वास बढ़ने से वो मजबूत बन रही हैं।
कई बार अभ्यास मैच में उनका शानदार प्रदर्शन मिसाल बनकर उभर रहा है। ज्यादातर एकेडमी ने खेले जाने वाले बालक वर्ग के मैत्री क्रिकेट मैचों में यह नया प्रयोग शुरू किया है।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ आगरा के अध्यक्ष सुनील जोशान कहते हैं कि निश्चित रूप से इस प्रयोग से बालक और बालिका दोनों खिलाड़ियों में आत्मविश्वास बढ़ता है। यह पल उस समय ज्यादा खास हो जाता है, जब मैच में बालिका क्रिकेटर को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया जाता है।
कॉसमॉस क्रिकेट एकेडमी के हेड कोच फिरोज खान का कहना है कि काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। एकेडमी में पिछले एक महीने में 20 मैच खेले गए। इनमें से सात मैचों में एकेडमी की क्रिकेटर पूजा, रागिनी और विनती सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहीं ।
डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ ने इस नए प्रयोग को आगे ले जाने की जिम्मेदारी ली है। तपेश कहते हैं कि दिसंबर के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाली क्रिकेट प्रतियोगिता में हरेक टीम से दो महिला खिलाड़ियों का खेलना जरूरी होगा।
जिला स्तर पर होनी चाहिए ऐसी टीम : – पुनीत वशिष्ठ

गोयनका चाहर क्रिकेट एकेडमी के सहायक कोच पुनीत वशिष्ठ मानते हैं कि जिला स्तर पर भी इस तरह के क्रिकेट मैच आयोजित होने चाहिए। इसके लिए महिला और पुरुषों की संख्या तय कर देनी चाहिए। इसके काफी अच्छे परिणाम सामने आएंगे। क्रिकेटर बेटियों को भी ज्यादा से ज्यादा मैच खेलने के लिए मिल सकेंगे।

  • पहली बार में बनाए 53 रन

ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना मेरा मकसद है। कोशिश रहती है कि लड़कों के साथ मैच खेलने का अवसर नहीं खोया जाए। मैंने एक बार अपने हेड कोच फिरोज खान सर से लड़कों के साथ मैच खेलने की इच्छा जताई थी। उन्होने मेरी इस पहल को सराहा। मुझे साथ में खेलने का मौका दिया। मुझे खुशी हुई कि पहले ही मैच में 53 रन बनाने और दो विकेट लेने पर मुझे मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया।- मेघा शर्मा, सदस्य, सीनियर वुमेंस क्रिकेट टीम, अरुणाचल प्रदेश
  • नया आत्मविश्वास पैदा हुआ

मुझे काफी कम मैच खेलने को मिल रहे थे। मैं भी एक दिन लड़कों की टीम का हिस्सा बन गई। एक नया आत्मविश्वास पैदा हुआ। मैं कोशिश करने लगी कि अच्छे रन करूं । मैत्री मैच में दो बार अर्धशतक लगाया। इसके बाद लड़कों के साथ अभ्यास मैच खेलकर ज्यादा से ज्यादा खेलने की सुविधा मुझे मिल गई है। –प्रियंका लूथरा, जिला क्रिकेटर

श्रोत : अमर उजाला , आगरा

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