हिमा दास इस साल एथलेटिक ट्रैक पर कम ही नजर आई हैं। बीते दिनों एशियाई खेलों की क्वालिफाइंग इवेंट भुवनेश्वर में हुई अंतरराज्यीय एथलेटिक मीट में भी वह नहीं उतरीं।
पांच साल पहले विश्व जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर हिमा दास जिस तेजी से उभरी थीं, उसी तेजी से वह एथलेटिक ट्रैक से गायब भी हो गई हैं। एशियाई खेलों की टीम से बाहर होने के बाद हिमा को मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) से बाहर कर दिया है। वहीं, इलाज के लिए अमेरिका जाने से मना करने पर राष्ट्रीय शिविरसे बाहर किए गए वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुनगा को टॉप्स डेवलपमेंट ग्रुप में फिल्हाल बरकरार रखा गया है। उनके मामले को सब कमेटी के पास भेजा गया है। जेरमी पेरिस ओलंपिक में खेलने की दौड़ से बाहर हो चुके हैं।
इस साल ट्रैक पर कम नजर आई हैं हिमा
हिमा दास इस साल एथलेटिक ट्रैक पर कम ही नजर आई हैं। बीते दिनों एशियाई खेलों की क्वालिफाइंग इवेंट भुवनेश्वर में हुई अंतरराज्यीय एथलेटिक मीट में भी वह नहीं उतरीं। उसी दौरान मुख्य प्रशिक्षक राधाकृष्णन नायर ने घोषणा की कि हिमा चोटिल हैं और इस मीट में नहीं खेलेंगी। वह 23 सितंबर से हांगझोऊ में होने वाले एशियाई खेलों की टीम का भी हिस्सा नहीं होंगी।
हिमा के प्रदर्शन का उठा मुद्दा
सूत्रों के मुताबिक एमओसी की बैठक में हिमा के प्रदर्शन का मुद्दा उठा। उन्होंने हाल-फिल्हाल ऐसा कुछ भी नहीं किया है, जिससे उन्हें पेरिस ओलंपिक की दौड़ में शामिल माना जाए। इसी को आधार बनाकर उन्हें टॉप्स से बाहर किया गया। हिमा ने जब अपने करियर की शुरुआत की थी तो उन्होंने 400 मीटर में अपना दबदबा बनाया था।
जकार्ता एशियाई खेलों में उन्होंने 400 मीटर में रजत और चार गुणा चार सौ मीटर रिले में स्वर्ण भी जीता, लेकिन अचानक उन्होंने चोट का हवाला देकर 400 मीटर से विदा ले ली। वह 100 और 200 मीटर में भागने लगीं, लेकिन वह इसमें भी नियमित रूप से नहीं दौड़ रही हैं। वह बीते वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों में दौड़ी थीं, लेकिन 200 मीटर के फाइनल में जगह नहीं बना पाई थीं।
Credit: Amar Ujala
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