
आदित्या ने महज 10 वर्ष की उम्र में चीन में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में सबका ध्यान आकर्षित किया था। इससे पहले दिल्ली में एक टूर्नामेंट के दौरान भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने आदित्या को टिप्स दिए और पिता से कहा था कि इसे आगे ले जाइए।
गोरखपुर शहर की बैडमिंटन सनसनी आदित्या यादव न तो बोल सकती है, न ही सुन सकती है, लेकिन उसके रैकेट की गूंज अब पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है। अपनी मेहनत और परिवार के लोगों और दोस्तों की प्रेरणा ने उसे कम उम्र में ही बुलंदी पर पहुंचा दिया है।
आदित्या, तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है। मां अंकुर यादव बताती हैं कि जब वह ढाई साल की हुई तब पता चला कि न तो वह बोल सकती है और न ही सुन सकती है। गोरखपुर के बाद दिल्ली एम्स में भी बेटी का इलाज कराया। दादा शिवचंद यादव, दादी भगवती देवी, माता अंकुर यादव और पिता दिग्विजयनाथ यादव ने उसे दिव्यांगता का एहसास नहीं होने दिया।
पिता दिग्विजयनाथ यादव रेलवे टीम के बैडमिंटन कोच हैं, वे चार साल की उम्र से बेटी को बैडमिंटन का प्रशिक्षण दिलाने लगे। स्कूली शिक्षा के लिए राजेंद्र नगर स्थित मूक-बधिर विद्यालय में दाखिला करा दिया गया। भाई अविरल और बहन पल्लवी ने आदित्या का पूरा साथ दिया।
पीवी सिंधु ने दिए थे आदित्या को टिप्स
आदित्या ने महज 10 वर्ष की उम्र में चीन में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में सबका ध्यान आकर्षित किया था। इससे पहले दिल्ली में एक टूर्नामेंट के दौरान भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने आदित्या को टिप्स दिए और पिता से कहा था कि इसे आगे ले जाइए।
प्रधानमंत्री कर चुके हैं सम्मानित
आदित्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पुरस्कृत कर चुके हैं। इससे पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आदित्या को पुरस्कार में पांच लाख रुपये दिए थे।