Badminton player: पुलेला गोपीचंद की उपलब्धियां
विश्व बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद का नाम किसी से छिपा नहीं है और भारत में तो इस नाम का डंका बजता है।
पुलेला गोपीचंद ने अपनी पहली नेशनल चैंपियनशिप साल 1996 में जीती और उसके बाद लगातार 4 बार इस खिताब को अपने नाम भी किया।
इसके बाद इस खिलाड़ी ने इंटरनेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता और 1998 कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज़ मेडल पर अपने नाम की मुहर लगाई। गोपीचंद ने 2000 एशियन चैंपियनशिप में एक और ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया।
गोपीचंद ने इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम तब दर्ज किया जब वह ऑल इंग्लैंड ओपन जीतने वाले दूसरे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने। यह जीत आसान नहीं थी और उन्होंने अपनी इस जीत के सफर में विश्व नंबर-1 खिलाड़ी पीटर गेड को भी हराया।
हालांकि, घुटने पर कई चोट लगने की वजह से इस शटलर को जल्द ही अपने करियर को विराम देना पड़ा और इसके बाद वह भारतीय बैडमिंटन को और बेहतर करने की राह पर चल पड़े।
गोपीचंद ने हैदराबाद में साल 2004 में ‘पुलेला गोपीचंद’ नाम की एक अकादमी खोली। तब से लेकर अब तक यह अकादमी कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के हुनर को तराशने का काम कर चुकी है।
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