हॉकी जादूगर ध्यानचंद: भारतीय हॉकी में दो और गोल्ड मेडल दिलाते हुए गोल्ड मेडल की हैट्रिक बनवाई”
हॉकी इतिहास में ध्यान चंद निसंदेह सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्लेयर रहे हैं।
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता था, अपनी स्टिक पर गेंद को चुंबक की तरह चिपका लेने की कला में माहिर थे ध्यान चंद। मैदान पर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक से गोलों की बारिश तो मानो आम बात थी, उन्होंने दो-दो ओलंपिक के फ़ाइनल में हैट्रिक भी लगाई थी।
ध्यानचंद पहली बार सुर्खियों में तब आए थे जब 1926 में भारत के न्यूज़ीलैंड दौरे पर उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया था। इसके बाद 1928 ओलंपिक में टीम इंडिया के साथ ध्यानचंद ने भी अपना ओलंपिक डेब्यू किया और वहां 14 गोल दागते हुए भारत को ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
इसके बाद अगले लगातार दो ओलंपिक में (लॉस एंजेलिस 1932 और बर्लिन 1936) भी ध्यानचंद ने अपने अद्भुत खेल की बदौलत भारत को दो और गोल्ड मेडल दिलाते हुए स्वर्ण पदक की हैट्रिक बनवाई।