बजरंग पूनिया (65 किलो) और विनेश फोगाट (53 किलो) को एशियाई खेलों की टीम में सीधे शामिल कर लिया गया है, जिसके खिलाफ तदर्थ समिति ने दोनों को टीम के मुख्य प्रशिक्षकों की सिफारिश के खिलाफ टीम में जगह दी है। इस निर्णय के प्रति दूसरे पहलवानों के भारवर्ग में रोष का अनुभव हो रहा है।
पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों की टीम में सीधे शामिल किए जाने पर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी असंतुष्टि व्यक्त की है। उन्होंने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और आपत्ति जताई है कि इससे देश के कुश्ती खिलाड़ियों को नुकसान हो सकता है। एशियाई खेलों की टीम में बजरंग को 65 किलोग्राम और विनेश को 53 किलोग्राम वर्ग में शामिल कर लिया गया है, जिसके खिलाफ तदर्थ समिति ने इन्हें टीम के मुख्य प्रशिक्षकों के खिलाफ खिलाड़ियों के अनुसार खिलाड़ियों की मर्जी के खिलाफ टीम में जगह दी है।
इस फैसले के विरोध में दूसरे पहलवानों के भारवर्ग में रोष व्याप्त हो गया है और बृजभूषण शरण सिंह के इस निर्णय को लेकर विभिन्न प्रदेशों से कुश्ती संघ के सदस्यों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। बजरंग और विनेश को बिना किसी ट्रायल या प्रतियोगिता के एशियाई खेलों की टीम में चुन लिया जाना, इसे चर्चा के विषय बना रहा है।
प्रमुख शरण सिंह ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “मैं इस निर्णय से अत्यंत व्यथित हूं। इससे देश के कुश्ती खिलाड़ियों को नुकसान हो सकता है। कुश्ती एक ऐसा खेल है जिसे ओलंपिक पदक का महत्व माना जाता है, और इससे एशियाई खेलों जैसी प्रतियोगिता में जाने वाले खिलाड़ियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह निर्णय काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।”
विभिन्न देशों के नियमों के अध्ययन के बाद और खिलाड़ियों की मर्जी के आधार पर इस निर्णय का फैसला किया गया था, जो उन्हें सीधे सेमीफाइनल में शामिल करने के लिए लिया गया था। पूर्व प्रमुख शरण सिंह ने इसे जारी करने के पीछे यह भी वजह दी कि बजरंग और विनेश के इस निर्णय से उनके पास नए खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाएगा, जो अपनी मेहनत से खुद को साबित करने के लिए प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पिछले साल रोहतक में हुई आम सभा की बैठक में तदर्थ समिति ने इस निर्णय को पारित किया था, जिसमें खिलाड़ियों के इस प्रकार के छूट नहीं दी जाएगी। पूर्व प्रमुख शरण सिंह ने यह भी बताया कि इस नियम में नए तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका पर भी चर्चा की गई थी, लेकिन इस विषय पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
बृजभूषण शरण सिंह के इस निर्णय के बाद, बजरंग और विनेश सहित कई पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें खुलेआम अपने मन की बात रखी। उन्हें ये निर्णय न केवल खिलाड़ियों बल्कि खेल संघ के सभी सदस्यों के बीच असंतोष व्यक्त करने का एक माध्यम नजर आया।
इस नए नियम के बदलने से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा हुई और विभिन्न देशों के नियमों का अध्ययन किया गया। इससे पहले खिलाड़ियों की मर्जी के आधार पर टीम में उन्हें शामिल करने के नियम को लागू किया जाता था, लेकिन अब यह परिवर्तन हो गया है।
एथलीट बजरंग और विनेश फोगाट को इस निर्णय का स्वागत नहीं है और उन्हें लगता है कि यह निर्णय कुश्ती के खिलाड़ियों को नई चुनौतियों का सामना करने से रोकता है। इस बारे में उनके मन में गहराई से खलबली है और इस बदलते संदर्भ में उन्होंने अपने विचारों को साझा किया।
अन्त में, पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने इस निर्णय को जारी करने की प्रक्रिया का भी बखूबी स्पष्ट किया है और इसे विभिन्न देशों के नियमों के आधार पर किया गया था। यह फैसला न केवल खिलाड़ियों को असंतुष्ट कर रहा है बल्कि खेल संघ के सभी सदस्यों के बीच भी एक विवादित मुद्दा बना हुआ है।
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