चैंपियनशिप में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 11 पदक (छह स्वर्ण, एक रजत, चार कांस्य) जीते। भारत पदक तालिका में कोरिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा। भारत से ज्यादा पदक किसी अन्य देश ने नहीं जीते।
सतारा (महाराष्ट्र) के 19 वर्षीय तीरंदाज पार्थ सालुंके विश्व यूथ चैंपियन बनने वाले देश के पहले रीकर्व तीरंदाज बन गए हैं। पार्थ ने रविवार को कोरिया के सांग इनजुन को 7-3 से पराजित कर स्वर्ण जीता, जबकि हरियाणा की भजन कौर ने अंडर-21 वर्ग में कांस्य पदक जीता। इस चैंपियनशिप में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 11 पदक (छह स्वर्ण, एक रजत, चार कांस्य) जीते। भारत पदक तालिका में कोरिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा। भारत से ज्यादा पदक किसी अन्य देश ने नहीं जीते। छह स्वर्ण चार रजत जीतने वाला कोरिया शीर्ष पर रहा।
खराब शुरुआत के बाद मिली जीत
फाइनल में पार्थ की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहला सेट 26-26 की बराबरी पर छूटा और दूसरा सेट वह 25-28 से हारकर 1-3 से पीछे हो गए। यहां से पार्थ ने जबरदस्त वापसी की। उन्होंने तीसरा गेम 28-26 चौथा 29-26 और पांचवां सेट 28-26 से जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। महिला रीकर्व के कांस्य पदक के मुकाबले में भजन कौर ने चीनी ताईपे की सू सिन यू को आसानी से 7-1 (28-25, 27-27, 29-25, 30-26) से पराजित किया।
पार्थ विश्व यूथ चैंपियन बनने वाले छठे तीरंदाज
शिक्षक पिता और लाईब्रेरियन मां के बेटे पार्थ विश्व यूथ चैंपियन बनने वाले छठे भारतीय तीरंदाज हैं। दीपिका कुमारी 2009 और 2011 में पहली बार रीकर्व में विश्व कैडेट और यूथ विजेता बनी थीं। 2019 और 2021 में झारखंड की कोमालिका बारी ने यही उपलब्धि हासिल की। कंपाउंड तीरंदाज पलटन हंसदा 2006 में विजेता बने थे। अदिति स्वामी और प्रियांश की जोड़ी ने यहां विश्व यूथ चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
योग, प्राणायाम से मिली मदद: पार्थ
पार्थ सालुंके ने कहा, ”मैं वर्तमान में जीने में विश्वास रखता हूं, मैं यह नहीं सोचता हूं कि किसके खिलाफ खेलने जा रहा हूं। योग और प्राणायाम करने से मुझे शांत रहने में मदद मिलती है, इसी चीज ने फाइनल में मेरी काफी मदद की।”
Credit: Amar Ujala
Photo by Annie Spratt