जिन्होंने चुना महिला क्रिकेट की राह के शूल

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पूनम यादव = उपलब्ध फोटो
[/vc_column_text][vc_separator css_animation=”top-to-bottom”][vc_column_text] मनोज कुमार = आगरा।
- 1975 में हुई थी आगरा में महिला क्रिकेट ऐसोसिएशन की स्थापना
- तब महिला क्रिकेट को समझा जाता था मजाक
आस्ट्रेलिया में चल रहे महिला टी – 20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में धमाल मचा रही आगरा की पूनम यादव और दीप्ती शर्मा को अब पूरा देश जानता है। लेकिन महिला क्रिकेटरों का गढ़ बन चुके आगरा में एक समय महिला क्रिकेट की राह इतनी आसान नहीं थी । तब महिला क्रिकेट में न तो पैसा था और न ही दर्शको की भीड़। इस माहौल को बदलने में समय लगा पर इसके पीछे कई लोगो के भरकस प्रयास रहे। ये लोग अब परदे के पीछे आ चुके है पर इनके पास उस समय के यादें शेष है।
एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन अंतरास्ट्रीय महिला क्रिकेट सितारों से सजे ताजनगरी के आसमा में कभी अँधेरा था। उस समय शहर में महिला क्रिकेट को महज मजाक समझा जाता था। यही नहीं भारतीय क्रिकेट के पितामह लाला अमरनाथ ने भी उस समय कहा था कि महिलाऐ क्रिकेट के लिए नहीं बनी है । बीसीसीआई का रवैया भी महिला क्रिकेट को लेकर बहुत ही पक्षपाती था। महिला क्रिकेट में उस समय न तो करियर था और न ही देखने वाले क्रिकेट प्रेमी। इन हालात से निकलकर आगरा में महिला क्रिकेटरों ने न केवल देश में बल्कि विश्व में अपनी छवि बनाई इसके पीछे आगरा के कुछ दिग्गजों का अतुलनीय योगदान रहा।
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श्रोत : दैनिक जागरण , आगरा
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