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सिफ़्त कौर सामरा: एमबीबीएस छोड़ शूटिंग में बनाया करियर, अभ्यास के लिए जा रहीं पेरिस; पढ़े पदकवीर सिफ्त की कहानी

  • July 15, 2023
  • 1 min read
सिफ़्त कौर सामरा:  एमबीबीएस छोड़ शूटिंग में बनाया करियर, अभ्यास के लिए जा रहीं पेरिस; पढ़े पदकवीर सिफ्त की कहानी

एशियाड टीम में चयनित पंजाब की निशानेबाज सिफ्त कौर समरा ने डॉक्टरी छोड़ फिजिकल एजुकेशन में एडमिशन लिया और अब देश का नाम रोशन कर रही हैं। उनके भाई ने एमबीबीएस के लिए शूटिंग छोड़ दी थी, लेकिन बहन ने इसके विपरीत फैसला लिया।

हांगझोऊ एशियाई खेलों की टीम में चयनित पंजाब की निशानेबाज सिफ्त कौर समरा ने एमबीबीएस पर देश के लिए पदक जीतने को वरीयता दे डाली। 2021 में फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज में नीट के जरिए एमबीबीएस में दाखिला लेने वाली सिफ्त के सामने इस साल ऐसा समय आया जब उन्हें एमबीबीएस और शूटिंग में से एक को चुनना था। इस वर्ष भोपाल विश्वकप में 50 मीटर थ्री पोजीशन में पदक जीतने वाली 21 वर्षीय सिफ्त ने शूटिंग को चुना और डॉक्टरी को छोड़कर गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में फिजिकल एजुकेशन में दाखिला ले लिया। सिफ्त कहती हैं कि डॉक्टरी की पढ़ाई और शूटिंग एक साथ नहीं चल सकती थी। उन्हें दोनों में से एक को चुनना था। उन्होंने और उनके माता-पिता ने शूटिंग को चुना।

पहले शूटिंग के लिए छोड़ी थीं परीक्षाएं
पेरिस ओलंपिक की रेंज से अभ्यस्त होने के लिए भारतीय शूटिंग टीम के साथ पेरिस जा रहीं सिफ्त बताती हैं कि शूटिंग के चलते 80 प्रतिशत उपस्थिति पूरी नहीं होने के चलते वह एमबीबीएस की परीक्षाएं नहीं दे पाई थीं। उस दौरान भी उनके सामने बड़ा धर्मसंकट था कि परीक्षाएं चुनें या शूटिंग, उन्होंने तब भी शूटिंग को चुना। अब उन्हें एमबीबीएस जारी रखने के लिए फिर से प्रथम वर्ष की पढ़ाई करनी थीं, लेकिन भोपाल विश्वकप में पदक जीतने के दौरान जब वह पोडियम पर चढ़ीं और देश का झंडा ऊपर गया तो उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उनके पिता पवनदीप सिंह और उन्होंने उसके बाद एमबीबीएस छोड़ने का फैसला ले लिया।

पांच साल पहले शुरू की शूटिंग

सिफ्त ने पांच साल पहले ही शूटिंग शुरू की है। बीते वर्ष उन्होंने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण, दो रजत और कांस्य जीता। इसके बाद उन्होंने सीनियर टीम में जगह बनाई और अब वह एशियाड की टीम में शामिल हैं। सिफ्त कहती है कि वह इसी माह चीन में होने वाले विश्व यूनिवर्सियाड में भी खेलने जा रही हैं, जहां उन्हें मल्टी स्पोट्र्स खेल आयोजन का अनुभव मिलेगा। खासतौर पर खाने के बारे में पता लग जाएगा, जिसका लाभ उन्हें एशियाई खेलों में मिलेगा।

भाई ने शूटिंग को छोड़ डॉक्टरी को अपनाया
सिफ्त के पिता तो किसान हैं, लेकिन उनका परिवार डॉक्टरों का परिवार है। उनके चार से पांच चचेरे भाई-बहन डॉक्टर हैं। उनका छोटा भाई भी निशानेबाज है और स्कूल नेशनल में पदक जीत चुका है। सिफ्त के मुताबिक उसने 12वीं की परीक्षा के बाद नीट क्वालिफाई किया, लेकिन उसने शूटिंग छोड़ दी है और वह डॉक्टरी की पढ़ाई करेगा।
Credit: Amar Ujala
Photo By Amar Ujala

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