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विद्यालयीय खेलों में हॉकी और ‘हुतूतू’ फुटबाल पर भारी रही ‘हु तू तू’

  • September 10, 2022
  • 1 min read
विद्यालयीय खेलों में हॉकी और ‘हुतूतू’ फुटबाल पर भारी रही ‘हु तू तू’
कबड्डी प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने पहुंचीं रिकॉर्ड 47 टीमें, दो दिन चले मुकाबले
जनपदीय विद्यालयीन खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाली टीमों की कमी की समस्या से जूझ रहे माध्यमिक शिक्षा विभाग को कबड्डी में राहत मिली है। प्रतिभागी टीमों की संख्या के मामले में हॉकी और फुटबाल जैसे अधिक प्रचलित खेलों पर कबड्डी भारी पड़ी जिसमें कुल 47 टीमों ने प्रतिभाग किया। टीमों की कमी के चलते अमूमन एक दिन में समाप्त हो जाने वाली जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के मुकाबले कबड्डी की प्रतियोगिता दो दिन में पूरी हुई।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग की जनपद स्तरीय विद्यालयीय खेलकूद प्रतियोगिताएं इन दिनों आयोजित की जा रही हैं। इनके आधार पर मंडल और प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों और टीमों का चयन किया जाता है। इस सत्र में इनकी शुरुआत अगस्त में फुटबाल से हुई थी। प्रतियोगिता में महज दो टीमों एनसी वैदिक इंटर कॉलेज और जीआईसी ने प्रतिभाग किया।
वहीं, हॉकी में बमुश्किल टीमों की संख्या तीन-चार से अधिक नहीं बढ़ पाई यही हाल कमोवेश अन्य खेलों में रहा जहां टीमों की संख्या नाममात्र ही रही हालांकि ताइक्वांडो अपवाद रहा जिसमें कुल 33 टीमों ने प्रतिभा किया। वहीं, 21 व 22 सितंबर को एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में हुई बालकों की कबड्डी प्रतियोगिता इस मामले में अन्य खेलों से आगे रही।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल 47 टीमों (सब जूनियर अंडर-14 वर्ग 11 और जूनियर अंडर-19 वर्ग में 36) ने प्रतिभाग किया। नतीजा रहा किअधिकतर खेलों की प्रतियोगिताएं एक दिन में ही निपट गई लेकिन कबड्डी के मुकाबले दो दिन चले। पहले दिन देरशाम करीब 7:30 बजे तक मैच जारी रहे। सेमीफाइनल व फाइनल मुकाबले अगले दिन खेले गए। गांवों में खासा लोकप्रिय है कबड्डीः यह खेल देश भर में खेला जाता है। दक्षिण भारत में चेड्ड्गुड्डू और पूरब में इसे हु तू तू के नाम भी जाना जाता है।
ताइक्वांडो में 44 टीमों ने लिया भाग
 इसी सत्र में सनातन धर्म गर्ल्स इंटर कॉलेज बल्केश्वर में व महर्षि परशुराम इंटर कॉलेज में हुई विद्यालयीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में कुल 44 टीमों ने प्रतिभाग किया था। हालांकि ये टीमों की संख्या बालक-बालिका वर्ग मिलाकर है। ताइक्वांडो प्रशिक्षक पंकज शर्मा के अनुसार बालिका वर्ग में 11 और बालक वर्ग में 33 विद्यालयों की टीमों ने प्रतिभाग किया था।
आठ साल पूर्व फुटबाल में पहुंची थीं 42 टीमें
 आमतौर पर विद्यालयीय खेलों में टीमों की संख्या कम ही रहती है, लेकिन आठ साल पूर्व सत्र 2014-15 में एनसी वैदिक इंटर कॉलेज में हुई फुटबाल प्रतियोगिता में 42 टीमें पहुंची थी। तत्कालीन क्रीड़ा सचिव केपी सिंह यादव बताते हैं कि टीमों की अधिक संख्या के साथ खास बात यह थी कि इनमें ग्रामीण अंचल के विद्यालयों की टीमें भी शामिल थीं।
  • कबड्डी के दोनों वर्गों में कुल 47 टीमों प्रतिभाग किया। यह संख्या उम्मीद से अधिक है। इतनी टीमों के आने का अनुमान किसी को नहीं था। विद्यालयों में पारंपरिक खेलों के प्रति रुझान अधिक होने का संकेत भी है, यह लेकिन उत्साहजनक है। – डा. बालकृष्ण कटारा, (संयोजक व प्रधानाचार्य सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज )
  • कबड्डी में अधिक संख्या में टीमों के प्रतिभाग करना अन्य खेलों के लिए भी उत्साहजनक है। कम जगह में खेला जाने वाला यह खेल अन्य खेलों के मुकाबले कम खर्चीला भी है। वहीं, हॉकी जैसे खेल अब और अधिक महंगे हो गए हैं। एक खिलाड़ी की किट बनाना काफी महंगा पड़ता है। यह सभी के लिए आसान नहीं  –रीनेश मित्तल, (जिला क्रीड़ा प्रभारी, माध्यमिक शिक्षा विभाग)
  • -कबड्डी की लोकप्रियता बढ़ी है। विशेषकर आईपीएल की तर्ज पर प्रो कबड्डी लीग शुरू होने के बाद बच्चों में इसे लेकर रुचि बढ़ी है। टीवी पर मैचों के लाइव प्रसारण का असर है कि उन्हें टीमों और खिलाड़ियों के नाम भी याद रहते हैं। स्कूल-कॉलेजों में भी इसे लेकर दिलचस्पी दिखाई जा रही है। विद्यालय स्तर की कबडडी प्रतियोगिताओं में अधिक संख्या में ‘टीमों का पहुंचना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। – शकील खान, ( आगरा जिला कबड्डी संघ)

श्रोत : अमर उजाला , आगरा

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