एशियन चैम्पियनशिप: तूर ने गोलाफेंक में फिर जीता सोना, लगातार दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे एथलीट बने
तूर ‘ग्रोइन’ (पेट के निचले हिस्से) की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण 2022 विश्व चैंपियनशिप में नहीं खेल पाए थे और यह चोट उन्हें टूर्नामेंट से पहले ही लगी थी जिसके कारण वह बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में भी हिस्सा नहीं ले सके थे।
भारतीय गोला फेंक एथलीट तेजिंदरपाल सिंह ने शुक्रवार को यहां एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक बरकरार रखते हुए महाद्वीपीय सर्किट में अपना दबदबा कायम रखा। हालांकि दूसरे थ्रो में सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बाद वह लंगड़ाते हुए बाहर आए। एशियाई रिकॉर्डधारी तूर ने दूसरे थ्रो में 20.23 मीटर की दूरी पर गोला फेंका। ईरान के साबेरी मेहदी (19.98 मीटर) ने रजत पदक और कजाखस्तान के इवान इवानोव (19.87 मीटर) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत के खाते में अब तक नौ पदक हो गए हैं, जिनमें पांच स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक हैं। 2019 में भारत ने 16 पदक जीते थे।
28 साल के तूर तीसरे गोला फेंक एथलीट हैं जिन्होंने एशियाई चैंपियनशिप खिताब कायम रखा है। कतर के बिलाल साद मुबारक ने 1995 और 1998 तथा 2002 और 2003 में दो बार लगातार स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि दो बार अपने नाम की है। कुवैत के मोहम्मद घारिब अल जिंकावी ने लगातार तीन बार 1979, 1981 और 1983 में पहला स्थान हासिल किया था। तूर ने पिछले महीने भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय चैंपियपशिप में 21.77 मीटर के नए एशियाई रिकॉर्ड थ्रो से विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था।
विश्व चैंपियनशिप से पहले चोट चिंता का सबब
अभी तूर की चोट की गंभीरता का पता नहीं चल सका है लेकिन यह उनके लिए चिंता का विषय हो सकती है क्योंकि एक महीने बाद बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप (17 से 27 अगस्त) शुरु हो रही है। तूर ‘ग्रोइन’ (पेट के निचले हिस्से) की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण 2022 विश्व चैंपियनशिप में नहीं खेल पाए थे और यह चोट उन्हें टूर्नामेंट से पहले ही लगी थी जिसके कारण वह बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में भी हिस्सा नहीं ले सके थे। टोक्यो ओलंपिक के तुरंत बाद तूर ने अपनी ‘थ्रो’ करने वाले बायीं बाजू की कलाई की सर्जरी भी कराई थी। उन्होंने शुक्रवार को बायीं कलाई में पट्टी बांधकर हिस्सा लिया था।
Credit: Amar Ujala
Photo By Amar Ujala