बदलती जा रही है महिला क्रिकेट की तस्वीर : हेमलता काला

[vc_row][vc_column][vc_separator][vc_column_text]बदलती जा रही है महिला क्रिकेट की तस्वीर : हेमलता काला
1999 से 208 तक देश की महिला क्रिकेट की शान रही हेमलता काला ने महिला क्रिकेट में आगरा को पहचान दिलाई। हेमलता ने देश के लिए सात टेस्ट और 78 वनडे खेले। जिनमे कुल मिलाकर डेढ़ हजार से अधिक रन बनाए । उस समय देश की महिला क्रिकेट टीम में हेमलता बल्लेबाज़ी की रीढ़ थी। हेमलता काला ने बताया कि देश और शहर मै धीरे – धीरे महिला क्रिकेट की तस्वीर बदलती ही गई। अब बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को बेहतर सुविधाए दे रहा है। मोदी ने प्रधानमन्त्री के तौर पर देश की आधी आबादी का महत्व समझा है। उनको बहुत सारी सुविधाऐ दे जा रही है। मोदी के महिला खिलाड़ियों को बधाई व हौसला अफजाई के ट्वीट से काफी बल मिला।
- स्वर्गीय कैप्टन व्यास की मेहनत लाइ थी रंग
1975 में आर्मी से क्रिकेट खेलने वाले स्वर्गीय कैप्टन व्यास रिटायर होकर आगरा आये । तब महिंद्र शर्मा यूपी में महिला क्रिकेट के एसोसिएशन के अद्द्यक्ष थे। व्यास के प्रयासों से आगरा में महिला क्रिकेट ऐसोसिएशन की इस्थापना हुई। व्यास उस संस्था के सचिव बने थे। वही दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित को ऐसोसिएशन का सचिव बनाया गया। जो ऐसोसिएशन के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। आगरा के तत्कालीन डीएम विनोद कुमार दीक्षित ने भी महिला क्रिकेट विकास के लिए भी काफी प्रयास किये। वही एकलव्य स्टेडियम में क्रिकेट कोच स्वर्गीय एमएके अफगानी में भी महिला क्रिकेटरों को बढ़ावा दिया । उस समय धन का आभाव था। क्रिकेट प्रेमियों और शहर के घनकुबेरो से कुछ पैसा मिल जाता था। महिला क्रिकेटरों ने बेहतर प्रदर्शन किया तो दर्शक भी मिले। आगरा कॉलेज में महिला क्रिकेट के मैच होते थे। शीला दीक्षित खुद खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने ग्राउंड पर आती थी।
- आगरा में महिला क्रिकेट का भविष्य भी सुनहरा : मनोज कुशवाहा
अपनी कोचिंग से देश और प्रदेश को कई महिला क्रिकेटर दे चुके पूनम यादव के कोच मनोज कुशवाहा ने बताया कि आगरा में महिला क्रिकेट का भविष्य भी सुनहरा है। दीप्ती शर्मा भी भारतीय टीम में धमक बनाए हुए है। बही आगरा में राशि कानोगाया, खासमा सिंह, तनु काला, अंजलि सिंह जैसे युवा नेशनल महिला क्रिकेटर है। जो जल्द ही देश की टीम का प्रतिनिधित्व करती नजर आ सकती है। यहाँ महिला क्रिकेटरों को बेहतर सुविधा, मंच और हौसला बढ़ाने के लिए दर्शक मौजूद है। अब शहर के लोग अपनी बेटियों को पूनम और दीप्ती बनते हुए देखना चाहते है।
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श्रोत : दैनिक जागरण , आगरा
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