अधिक उम्र के खिलाड़ियों पर मैदान के बाहर हुई कहासुनी
विद्यालयीय कबड्डी प्रतियोगिता में दो टीमों के प्रशिक्षकों ने लगाए आरोप, आयोजकों ने नकारे
जनपदीय माध्यमिक विद्यालयीय प्रतियोगिता के दौरान अलग-अलग टीमों की ओर से अधिक उम्र के खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल करने को लेकर मैदान के बाहर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहा। मैदान के बाहर भी पाले खिंच गए। दो टीमों प्रशिक्षकों ने प्रतिद्वंद्वी टीमों पर ओवरऐज खिलाड़ी खिलाने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत आयोजन समिति को दर्ज करवाई। हालांकि समिति ने आरोपों को नकार दिया।
दरअसल, पहली शिकायत उच्च प्राथमिक विद्यालय बहरामपुर एत्मादपुर के कोच अरुण कुमार सिंह ने प्रतिद्वंद्वी सरस्वती विद्या मंदिर की टीम पर 14 वर्ष से अधिक आयु के पांच खिलाड़ियों को खिलाने का आरोप लगाते हुए की। उन्होंने इन खिलाड़ियों की पात्रता पत्र की जांच व दोनों टीमों के खिलाड़ियों का मेडिकल करवाने की मांग की। वहीं, दूसरी शिकायत विवेकानंद इंटर कॉलेज के व्यायाम शिक्षक भूपेंद्र चौधरी ने दीन दयाल उपाध्याय विद्यालय के खिलाड़ियों की पात्रता एवं अन्य दस्तावेज की जांच करवाने की मांग करते हुए की।
इसे लेकर काफी देर तक आयोजकों और टीमों के प्रशिक्षकों की बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस संबंध में दोनों प्रशिक्षकों ने आयोजन समिति को लिखित रूप से भी आपत्ति जताते हुए शिकायत की। हालांकि उन्होंने आयोजन समिति के कहने के बावजूद उन्होंने प्रोटेस्ट फीस जमा नहीं की ।
इस संबंध में प्रतियोगिता के संयोजक विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. बालकृष्ण कटारा का कहना है कि सभी प्रतिभागी टीमों को उनके विद्यालय के प्रधानाचार्यों ने विधिवत औपचारिकताएं पूरी कर नियमानुसार पात्रता प्रमाण पत्रों के साथ प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए भेजा है। ऐसे में इन टीमों को प्रतिभाग करवाना आयोजन समिति की पहली जिम्मेदारी है। एत्मादपुर व विवेकानंद कॉलेज की टीमों के प्रशिक्षकों ने दूसरी टीमों पर निर्धारित आयु से अधिक उम्र के खिलाड़ी खिलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। हालांकि आपत्ति जताने वाली टीमों के मैनेजर / कोच से जब यह शिकायत प्रोटेस्ट फीस के साथ जमा करने के लिए कहा गया तो उन्होंने ऐसा नहीं किया।
एक कोच ने फीस जमा करने के थोड़ी देर बाद वापस ले ली। डा. बालकृष्ण का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद टीमों के पात्रता पत्रों की जांच की गई लेकिन उनमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं मिली। इसके बावजूद यदि किसी टीम को आपत्ति है वे नियमानुसार डीआईओएस कार्यालय में भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है ।
श्रोत : अमर उजाला , आगरा